Lyrics
ये झूठी नुमाइश, ये झूठी बनावट
फ़रेब-ए-नज़र है नज़र की लगावट
ये संदल से गेसू, ये आरिश गुलाबी
ज़माने में लाएँगे एक दिन ख़राबी
फ़ना हमको कर दे ना ये मुस्कुराना
अदा क़ाफ़िराना, चलन ज़ालिमाना
दिखाओ ना ये इश्वा-ओ-नाज़ हमको
सिखाओ ना उल्फ़त के अंदाज़ हमको
किसी और पर ज़ुल्फ़ का जाल डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं